“रमजान में खजूर और नींबू की बढ़ती मांग: बाजारों में रौनक, विक्रेताओं के चेहरे खिले“
खजूर केवल स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि पोषण से भरपूर फल है, जो शरीर की कमजोरी दूर करने में सहायक होता है। इस्लाम में भी खजूर का विशेष महत्व है, खासकर रमजान के महीने में रोजा इफ्तार खजूर से करने की परंपरा है। जैसे ही रमजान का पवित्र महीना शुरू होता है, नूंह जिले सहित कई क्षेत्रों में खजूर और नींबू की मांग बढ़ जाती है।
रमजान के दौरान इफ्तार और सहरी के लिए विशेष खाद्य सामग्री की खरीदारी बढ़ जाती है। बाजारों में खरीदारों की भीड़ देखने को मिलती है, जिससे पूरे इलाके में रौनक बनी रहती है। मेवात, जो एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, वहां रमजान शुरू होते ही बाजारों में चहल-पहल काफी बढ़ जाती है।
खजूर और नींबू की बढ़ती डिमांड
रमजान के महीने में खजूर और नींबू की मांग सबसे अधिक होती है। रोजा खोलने के लिए लोग खजूर खाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। वहीं, दिनभर भूखे-प्यासे रहने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसे पूरा करने के लिए लोग नींबू की शिकंजी पीना पसंद करते हैं। यही कारण है कि रमजान में खजूर और नींबू की बिक्री तेजी से बढ़ती है।
कीमतों में बढ़ोतरी, लेकिन खरीदारों की भीड़ बरकरार
बाजारों में हर प्रकार की खजूर और नींबू की किस्में उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत उनकी गुणवत्ता के अनुसार तय होती है। फिलहाल, नींबू 140-150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि खजूर की कीमत 300 से 1200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसके बावजूद, खरीदारों की भीड़ बाजारों में बनी हुई है।
रमजान में बाजारों की रौनक
रमजान का महीना आते ही शहर से लेकर गांव तक बाजारों में चहल-पहल बढ़ जाती है। लोग सहरी और इफ्तार के लिए बड़े पैमाने पर खरीदारी करते हैं। इस दौरान खजूर और नींबू बेचने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की संख्या भी बढ़ जाती है, जिससे अस्थायी रूप से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं। इन विक्रेताओं के लिए रमजान कमाई का अच्छा अवसर होता है, जिससे उनके घरों में भी खुशहाली आती है।
रमजान न केवल एक आध्यात्मिक महत्व रखने वाला महीना है, बल्कि यह बाजार और व्यापार के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण साबित होता है। जैसे-जैसे रमजान के दिन आगे बढ़ते हैं, बाजारों की रौनक और भी बढ़ती जाती है, और हर ओर उत्साह का माहौल देखने को मिलता है।
