“जुन्गा में महिलाओं को प्राकृतिक खेती और पशुपालन की तकनीक पर प्रशिक्षण”
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्राकृतिक खेती और पशुपालन की तकनीक से अवगत कराने के लिए नारी शक्ति ग्राम संगठन के सौजन्य से मंगलवार को जुन्गा में एक शिविर आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की लगभग 50 महिलाओं ने भाग लिया।
कृषि सखी योगमाया शर्मा ने प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होने वाले जीवामृत का घोल बनाकर दिखाया और इसके लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में रासायनिक खाद या दवाओं का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि घर पर उपलब्ध सामग्री से तैयार जीवामृत, बीजामृत और जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। इस पद्धति से उत्पादन लागत कम होती है और उपज स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी होती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाई गई सब्जियों की बाजार में अधिक मांग और अच्छे दाम मिलते हैं।
पशु सखी मीना राणा ने दुधारू पशुओं की देखभाल, बीमारियों के लक्षण और उनके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अच्छी नस्ल की गायें पालने और दुग्ध उत्पादन को महिलाओं की आजीविका का मजबूत साधन बनाने पर जोर दिया।
ग्राम संगठन की प्रधान पूनम कश्यप ने प्रशिक्षण देने वाली कृषि और पशु सखियों का आभार जताया। सचिव सुनिता राणा, संगीता, लता शर्मा, हेमा शर्मा, निर्मला और ममता सहित अन्य महिलाओं ने ऐसे शिविर समय-समय पर आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि महिलाएं सरकारी योजनाओं से निरंतर जुड़ी रहें।
